श्रीमद्भगवद्गीता

।। वर्तमान का सुनियोजन ।।* वर्तमान का सुनियोजन ही भविष्य को और बेहतर बना पाता है। जीवन तब जटिल एवं दुःख रूप लगने लगता है, जब हम बीते हुए कल से कोई सबक नहीं सीखते, आने वाले कल के लिए कोई बेहतर योजना नहीं बनाते और वर्तमान को समर्पण एवं प्रसन्नता के साथ नहीं जी पाते हैं। बीते हुए कल से सीखते हुए एवं वर्तमान का सदुपयोग करते हुए जिया गया जीवन ही एक स्वर्णिम भविष्य का आलिंगन कर पाता है। हमारा बीता हुआ कल बता देता है, कि जीवन में क्या अच्छा था और क्या बुरा था। अपने बीते हुए कल से सबक लेकर जीवन में अच्छे एवं बुरे का निर्धारण करने वाला व्यक्ति ही जीवन में आने वाली बहुत सारी विपदाओं से अपना बचाव कर लेता है। यदि सबक लिया जाये तो बीते हुए कल का अनुभव ही हमें एक बेहतर भविष्य के निर्माण के साथ-साथ वर्तमान को प्रसन्नतापूर्वक जीने की सीख भी प्रदान करता है। *आज का दिन शुभ मंगलमय हो।* *astrosanjaysinghal*