*।। श्रीमद्भगवद्गीता ।।*
गीता श्रीकृष्ण द्वारा गाया गीत है,
जो एक मित्र ने एक मित्र के प्रति गाया है।
जिसको गीता समझनी हो, उसके अनुसार जीवन यापन करना हो या उसका रस लेना हो सो श्रीकृष्ण से मैत्री करे,
तब उनकी भाषा समझ आयेगी।
क्योंकि कालिंदी के तट पर श्रीकृष्ण के श्री मुख से निःसृत गीता ज्ञान सर्वकालिक और काल निरपेक्ष है जिसकी प्रासंगिकता हर युग में है, हर समय में है। विश्व में 'कृष्ण' अकेले हैं जो ये दावा करते हैं कि वो स्वयं ईश्वर हैं बाकी किसी ने भी ऐसा दावा करने की हिम्मत नहीं की। इसी तरह गीता जी भी अकेला ग्रंथ है जो सीधे श्रीभगवान के श्री मुख से निःसृत है और किसी दूसरे या तीसरे के माध्यम से नहीं आया।
*astrosanjaysinghal*